Loan Settlement करने के नुकसान और महत्वपूर्ण टिप्स

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Written by : mahaveer

Published on : Monday, 4 November, 2024

Loan Settlement

ऋण निपटान के नुकसान – Loan Settlement Disadvantages in Hindi

लोन सेटेलमेंट – Loan Settlement or Debt Settlement एक ऐसी प्रक्रिया है जो कई बार लोनधारक और बैंक के बीच लोन की अदायगी को लेकर होती है। यह स्थिति तब आती है जब लोनधारक लोन की पूरी राशि चुकाने में असमर्थ हो जाता है और बैंक के साथ मिलकर एक नई शर्त पर सहमति बनती है, जिससे कम रकम पर समझौता किया जाता है। हालांकि यह तात्कालिक रूप से एक राहत दे सकता है, परंतु इसके कई दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव होते हैं। इस लेख Disadvantages of  Loan Settlement  in Hindi में हम लोन सेटेलमेंट करने के नुकसान और इसके वित्तीय प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

लोन सेटेलमेंट क्या होता है?

लोन सेटेलमेंट उस स्थिति को कहते हैं जब बैंक या वित्तीय संस्था और लोनधारक एक नई शर्त पर सहमत होते हैं, जिसमें लोनधारक अपने लोन की पूरी राशि को चुकाने की जगह कम रकम अदा करता है। बैंक इसे ‘सेटल’ मानता है और लोन को बंद कर देता है। हालांकि, यह समाधान आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालता है और आपके वित्तीय भविष्य को जोखिम में डाल सकता है।

लोन सेटेलमेंट के नुकसान

1. क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव : लोन सेटेलमेंट का सबसे बड़ा नुकसान आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। जब भी आप लोन सेटेल करते हैं, तो इसे क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किया जाता है। यह आपके क्रेडिट स्कोर में एक नकारात्मक प्रवेश के रूप में दर्ज होता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर तेजी से गिरता है, जो आपके भविष्य में किसी भी प्रकार के लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में रुकावट डाल सकता है।

2. उधारी लेने की क्षमता में कमी : लोन सेटेलमेंट के बाद बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपको एक जोखिमपूर्ण ग्राहक के रूप में देखते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि भविष्य में अगर आपको किसी प्रकार का लोन लेना पड़े तो बैंक या तो आपको लोन नहीं देते या फिर उच्च ब्याज दर पर लोन देते हैं। आपके उधारी लेने की क्षमता पर यह स्थिति नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

3. भविष्य के लिए वित्तीय असुरक्षा : जब आप लोन सेटेलमेंट करते हैं, तो भले ही आपको तात्कालिक राहत मिलती है, लेकिन दीर्घकाल में इसका असर आपकी वित्तीय स्थिरता पर पड़ सकता है। आपके भविष्य के वित्तीय विकल्प सीमित हो जाते हैं और किसी आपातकालीन स्थिति में आपको आसानी से कर्ज प्राप्त करना कठिन हो सकता है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं आपको एक उच्च जोखिम वाले ग्राहक के रूप में देखती हैं, जो दीर्घकालिक वित्तीय असुरक्षा का कारण बनता है।

4. उच्च ब्याज दर पर लोन प्राप्त करना : लोन सेटेलमेंट के बाद, यदि आप भविष्य में किसी नए लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक और वित्तीय संस्थाएं आपको उच्च ब्याज दर पर लोन ऑफर कर सकती हैं। इसकी वजह यह है कि लोन सेटेलमेंट के कारण आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो चुका होता है और बैंक आपको जोखिमपूर्ण उधारकर्ता मानते हैं।

5. आयकर पर संभावित प्रभाव : कई मामलों में, लोन सेटेलमेंट की गई राशि को आपके आयकर में भी जोड़ा जा सकता है। अगर बैंक ने आपकी लोन राशि माफ की है, तो इसे आपकी आय के रूप में देखा जा सकता है, जिस पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है। यह एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ पैदा कर सकता है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।

6. बैंकिंग संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव : लोन सेटेलमेंट आपके और बैंक के बीच के संबंधों को प्रभावित करता है। भविष्य में अगर आप उसी बैंक से कोई और वित्तीय सुविधा लेना चाहेंगे, तो बैंक आपको प्राथमिकता नहीं देगा। इसके अलावा, आपको बेहतर शर्तों पर लोन या क्रेडिट सुविधाएं मिलना मुश्किल हो सकता है।

लोन सेटेलमेंट की तुलना: फुल पेमेंट बनाम सेटेलमेंट

1. फुल पेमेंट का लाभ : जब आप अपने लोन की पूरी राशि चुकाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को मजबूत करता है। इससे आपको भविष्य में लोन लेने में आसानी होती है और आप कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसके विपरीत, लोन सेटेलमेंट आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाता है और आपकी वित्तीय स्थिति को कमजोर कर देता है।

2. सेटेलमेंट के दीर्घकालिक प्रभाव : लोन सेटेलमेंट एक तात्कालिक समाधान हो सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं। बैंक इसे “सेटल्ड” के रूप में चिह्नित करते हैं, जो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में नकारात्मक रूप से दर्ज होता है। इस चिह्न को हटाने में कई साल लग सकते हैं, और इस दौरान आप कोई बड़ा वित्तीय निर्णय नहीं ले सकते।

लोन सेटेलमेंट से कैसे बचें?

1. लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प चुनें : लोन सेटेलमेंट की जगह आप लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें आप बैंक के साथ बातचीत करके अपने लोन की शर्तों को बदलवा सकते हैं, जैसे कि ब्याज दर कम कराना या भुगतान की अवधि बढ़ाना। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता और आप समय पर अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं।

2. ईएमआई में कमी या अवधि बढ़ाना : अगर आप लोन की ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं, तो बैंक से ईएमआई में कमी या लोन की अवधि बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपकी मासिक किस्तें कम हो जाएंगी और आपके बजट के हिसाब से लोन चुकाना आसान हो जाएगा।

3. समय पर भुगतान का महत्व : लोन सेटेलमेंट से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप समय पर अपने लोन का भुगतान करें। अपने खर्चों को नियंत्रित करके और बजट बनाकर आप लोन को समय पर चुका सकते हैं। अगर आप किसी वित्तीय संकट में हैं, तो अपने बैंक को समय पर सूचित करें और उनके साथ मिलकर समाधान निकालें।

लोन सेटेलमेंट करने के बाद क्या करें?

1. क्रेडिट स्कोर सुधारने के उपाय : यदि आपने लोन सेटेलमेंट कर लिया है, तो आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए आपको नियमित रूप से अपने अन्य क्रेडिट अकाउंट्स पर समय पर भुगतान करना होगा। आप छोटे क्रेडिट कार्ड बिलों को समय पर चुकाकर या व्यक्तिगत लोन समय पर चुकाकर अपना क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे सुधार सकते हैं।

2. नए लोन के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाएं : लोन सेटेलमेंट के बाद नए लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करें। आप जिस लोन की योजना बना रहे हैं, उसकी शर्तों को अच्छी तरह से समझें और यह सुनिश्चित करें कि आप भविष्य में समय पर उसका भुगतान कर सकेंगे।

लोन सेटेलमेंट और दिवालियापन में अंतर – Difference between loan settlement and bankruptcy

Loan Settlement disadvantages
Image Credit : FreePik

लोन सेटेलमेंट: इसमें आप बैंक के साथ बातचीत करके अपनी लोन राशि का एक हिस्सा चुकाते हैं और बाकी माफ हो जाता है।

दिवालियापन: यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें आपकी संपत्तियों को बेचकर आपके सभी कर्जों का निपटारा किया जाता है।

Conclusion

लोन सेटेलमेंट करने से पहले सावधानी बरतें – Be careful before doing loan settlement 

लोन सेटेलमेंट आपको तात्कालिक वित्तीय संकट से बाहर निकाल सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव बहुत गंभीर होते हैं। यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को नुकसान पहुंचाता है, जिससे आपको भविष्य में वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, लोन सेटेलमेंट से पहले हमेशा दूसरे विकल्पों पर विचार करें, जैसे लोन रिस्ट्रक्चरिंग, ईएमआई में बदलाव, या अपनी खर्चों की योजना में सुधार करना। अगर कोई और विकल्प नहीं बचता है, तो लोन सेटेलमेंट के बाद अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए कदम उठाएं।

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