भारत में Income Tax Return e-Filing – एक सरल मार्गदर्शिका

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Written by : mahaveer

Published on : Friday, 30 May, 2025

Income Tax Return e-Filing

भारत में Income Tax Return e-Filing

भारत में हर साल, अगर आपकी आय एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना अनिवार्य है। लेकिन, बहुत सारे लोगों को यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल लगती है। कौनसे दस्तावेज़ चाहिए? कौन सा फॉर्म भरना है? लास्ट डेट कब है? और फाइल कैसी है? तो आप टेंशन न ले , ये आर्टिकल एक दम सरल भाषा में सब कुछ समझाएगा, ताकि आप आसानी से अपना आईटीआर फाइल कर सकें बाद मे हमे धन्यवाद बोल सकें | तो आइए जानते है भारत मे Income Tax Return e-Filing  के नियम और कानून |

Income Tax Return Filing क्या होती है?

आईटीआर का फुल फॉर्म होता है इनकम टैक्स रिटर्न। ये एक दस्तावेज या फॉर्म होता है जिसमें आप सरकार को बताते हैं कि आपने एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में कितनी आय अर्जित की, हमें कितना टैक्स दिया, और कितना टैक्स बचा है या रिफंड मिलना चाहिए। ये एक तरह का वित्तीय रिपोर्ट कार्ड है जो आपकी आय और टैक्स का हिसाब देता है।

कौन Income Tax Return File करता है?

  • वेतनभोगी व्यक्ति : ऐसे व्यक्ति जिनकी ये नौकरी सी प्राप्त होते है और एक निश्चित वेतन मिलता है जिसमे की विभिन्न प्रकार के भत्ते शामिल हो सकते है ।
  • बिजनेसमैन: दुकान, खुदरा, होलसेल या अन्य बिजनेस से आय  प्राप्त करने वाले व्यक्ति ।
  • सेल्फ एम्प्लोयी, प्रोफेसनल्स  या  फ्रीलांसर: इस केटेगरी मे ऐसे व्यक्ति आते है जो अपने कौशल से काम करते है तथा अपनी सर्विस या काम के बदले आय  प्राप्त करते है अब इसमे डॉक्टर, वकील, सीए, अध्यापक इत्यादि हो सकते है ।
  • निवेशक: शेयर, संपत्ति, या म्यूचुअल फंड से आय प्राप्त करने वाले व्यक्ति ।

आपकी आय अगर कर योग्य सीमा से ज़्यादा है (2025 में ये आम तौर पर ₹2.5 लाख से ₹7 लाख तक होती है, कर व्यवस्था के आधार पर), तो आईटीआर फ़ाइल करना अनिवार्य है।

आईटीआर फाइल करने के लिए दस्तावेज

आईटीआर फाइल करने के लिए आपके कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार रहेंगे। ये दस्तावेज़ आपकी आय, कटौती, और करों का प्रमाण देते हैं। हमने यह दस्तावेजों की एक चेक लिस्ट बनाई है :

  • पैन कार्ड: ये आपका टैक्स पहचान नंबर है। जिसे की परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) भी कहते है | इसी से आपके वित्तीय लेनदेन की ट्रैकिंग होती है |
  • आधार कार्ड: ई-सत्यापन के लिए जरूरी है।
  • फॉर्म 16: अगर आप वेतनभोगी हैं, तो ये नियोक्ता देता है, जिसका टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का विवरण होता है।
  • बैंक विवरण: आपके बचत या चालू खाते के विवरण, विशेष रूप से अगर ब्याज आय है।
  • निवेश प्रमाण: एलआईसी, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनपीएस, या चिकित्सा बीमा के प्रमाण जो कर कटौती के लिए दावा कर सकते हैं।
  • किराया रसीदें: अगर आप एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) का दावा कर रहे हैं।
  • टीडीएस प्रमाणपत्र: फॉर्म 16ए या 16बी, जो बैंक या अन्य संस्थाएं से मिलते हैं अगर टीडीएस काटा गया हो।
  • पूंजीगत लाभ विवरण: अगर आपने शेयर, म्यूचुअल फंड, या संपत्ति बेची है, तो इसका विवरण।
  • अन्य आय प्रमाण: कोई अतिरिक्त आय जैसी किराये की आय या फ्रीलांस काम का प्रमाण।

कौन कौन सा ITR Form का उपयोग होता है?

भारत में अलग-अलग प्रकार के करदाताओं के लिए अलग-अलग आईटीआर फॉर्म हैं। कोन्सा फॉर्म आपको भरना है, ये आपकी आय का स्रोत और राशि पर निर्भर करता है। यहां एक सिंपल ब्रेकडाउन है:

ITR Form किस के लिए कौनसा उपयोग होगा ?

  • ITR-1 (Sahaj) : वेतनभोगी व्यक्ति, पेंशनभोगी, या छोटी आय वाले (कुल आय ₹50 लाख तक)। ये साधारण आय के लिए है, जैसे वेतन, एक घर की संपत्ति, या ब्याज आय।
  • ITR-2 : व्यक्तियों की आय में पूंजीगत लाभ (शेयर या संपत्ति से), विदेशी आय, या कृषि आय (> ₹5,000) हो।
  • ITR-3 : व्यवसायी या पेशेवर जिनके पास व्यवसाय या पेशे से आय है, साथ ही पूंजीगत लाभ या अन्य स्रोत भी हैं।
  • ITR-4 (Sugam) : छोटे व्यवसाय के मालिक, फ्रीलांसर, सेल्फ एम्प्लोयी, या प्रोफेसनल्स जो अनुमानित कराधान योजना का उपयोग करते हैं (₹50 लाख तक की आय)
  • ITR-5, 6, 7 : ये फर्में, कंपनियां, ट्रस्ट, ये विशेष मामले के लिए होते हैं।

अगर आपको उपरोक्त फॉर्म  मे संदेह है कि कौन सा फॉर्म चुनना है, तो इनकम टैक्स वेबसाइट का यूटिलिटी टूल या सीए से पुष्टि कर लें।

आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि

आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा हर साल होती है, और अगर आप इसे मिस करते हैं, तो जुर्माना या ब्याज देना पड़ सकता है। यहाँ सामान्य समय सीमाएँ हैं:

  • व्यक्तिगत करदाता: आम तौर पर पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है (उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई 2025)।
  • ऑडिट मामले: अगर आपका व्यवसाय या आय ऑडिट के अंतर्गत आता है, तो अंतिम तिथि 30 सितंबर या 31 अक्टूबर हो सकती है।
  • लेट फाइलिंग: अगर डेडलाइन मिस हो जाती है, तो आप 31 दिसंबर तक फाइल कर सकते हैं, लेकिन लेट फीस (₹1,000 या ₹5,000) और ब्याज (धारा 234ए के तहत 1% प्रति माह) देना पड़ेगा।

आखिरी मिनट की जल्दी से बचने के लिए जून या जुलाई की शुरुआत में ही फाइलिंग पूरी कर लें।

ITR e-Filling कैसे करें ?

आईटीआर फाइल करना अब ऑनलाइन हो गया है, और आयकर विभाग की वेबसाइट पर यह काफी आसान है। यहां प्रक्रिया का पूरा विवरण निम्न प्रकार है:

  • वेबसाइट विजिट : जाओ आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पे: https://www.incometax.gov.in। नया यूजर हो तो “रजिस्टर” करके अकाउंट बनाओ। पहले से ही पंजीकृत हो तो “लॉगिन” करो।
  • लॉगिन : अपने पैन नंबर को यूजरनेम और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें। पहली बार लॉग इन करें तो पैन के पहले 5 अक्षर और जन्म तिथि का उपयोग करके पासवर्ड बनाएं।
  • फॉर्म चुनें : “ई-फाइल” सेक्शन में जाएं और “इनकम टैक्स रिटर्न” चुनें।  अपना मूल्यांकन वर्ष (उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारण वर्ष 2025-26) और उपयुक्त आईटीआर फॉर्म (आईटीआर-1, आईटीआर-2, आदि) चुनें।
  • विवरण भरें : फॉर्म में अपनी आय विवरण, कटौती (धारा 80सी, 80डी, आदि), और टीडीएस विवरण दर्ज करें।
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