Home Loan लेते समय रखे सावधानी , कर्ज के जाल से बचे

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Written by : mahaveer

Published on : Thursday, 28 November, 2024

Home Loan

आज के समय में अपना घर लेना जीवन का बहुत बड़ा लक्ष्य होता है| घर लेने के लिए एक मिडिल क्लास व्यक्ति को लोन का सहारा लेना ही पड़ता है,  लोन लेना आपके जीवन का एक बड़ा वित्तीय निर्णय हो सकता है। यह न केवल आपकी संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया को आसान बनाता है, बल्कि लंबी अवधि के लिए वित्तीय स्थिरता भी सुनिश्चित करता है।

हालांकि, होम लोन लेने से पहले कुछ सावधानियां रखना बेहद जरूरी है जिससे कि  आप वित्तीय बोझ से बच सकें और अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठा सकें।  इस लेख Home Loan Pros and Cons में हम जानेंगे की Home Loan लेने के क्या फायदे और नुकसान क्या हो सकते है और भारत में होम लोन लेने की क्या क्या चुनौतियाँ है|

होम लोन लेते समय ध्यान देने योग्य बातें –

अपनी आवश्यकता और बजट को समझें : एक प्रचलित  कहावत है की जितनी चादर उतने पैर पसारने चाहिए यह कहावत आज के परिपेक्ष्य में सटीक बैठती है | आम मिडिल कलस व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार ही घर खरीदना चाहिए|  फालतू के दिखावे के चक्कर में बड़ा और लक्ज़री घर लेने से बचाना चाहिए| जितना बड़ा घर लोन भी उतना ही बड़ा हो सकता है इसलिए लोन लेने से पहले, यह समझना जरूरी है कि आपको कितनी राशि के लोन की जरूरत है और आपकी चुकाने की क्षमता क्या है।

अपनी मासिक आय, खर्च, और बचत का मूल्यांकन करें : घर लेने से पहले यह देखे की आपके मासिक खर्च कितने है मान लीजिये की आप की आय 100000 रुपए है और आपके मासिक खर्च 50000 तक है तो बाकि बचे 50000 में से आपको अपने आपातकालीन फण्ड और बचत को हटा करके अपनी Home Loan EMI का आकलन करना चाहिए| वैसे फाइनेंस के अनुभवी लोगो द्वारा 40% Home Loan EMI का नियम का अनुसरण करने को कहा गया है, इस प्रकार आपकी मासिक EMI (होम लोन के अतिरिक्त अन्य लोन को भी मिलाकर ) 40000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए |

अतिरिक्त खर्चों जैसे स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस और मेंटेनेंस लागत को भी शामिल करें : घर लेने से पहले यह भी अच्छे से समझ ले की घर के उपर स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन और सोसाइटी के खर्चे शामिल है तो उसके अनुसार ही अपने लोन में शामिल करें| रेजिस्ट्रैशन  के खर्चे के लिए अलग से बजट बना कर रखे हो सकते हो इस खर्चे को अपनी लोन राशि मे सम्मिलित करने से बचे |

विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों की तुलना करें : ब्याज दर आपकी Home Loan EMI और कुल लागत को प्रभावित करती है। ब्याज दरों की तुलना करना वित्तीय निर्णयों में अहम भूमिका निभाता है। अलग-अलग बैंक और वित्तीय संस्थान ऋण और जमा पर अलग-अलग ब्याज दरें प्रदान करते हैं। ऋण के लिए ब्याज दरें आमतौर पर आपकी क्रेडिट रेटिंग, आय और ऋण अवधि पर निर्भर करती हैं।  उचित शोध और तुलना से आप अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं।

फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट ऑप्शन्स का मूल्यांकन करें : फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट ऑप्शन्स के बीच चयन करना वित्तीय योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। फिक्स्ड रेट में ब्याज दर ऋण अवधि के दौरान स्थिर रहती है, जिससे मासिक किस्तों का पूर्वानुमान लगाना आसान होता है। इसके विपरीत, फ्लोटिंग रेट बाजार की स्थितियों के अनुसार बदलती रहती है, जिससे संभावित रूप से कम ब्याज दरों का लाभ मिल सकता है लेकिन यह जोखिम भी बढ़ाती है। निर्णय लेने से पहले, अपनी वित्तीय स्थिरता, जोखिम उठाने की क्षमता और बाजार के रुझान को समझना जरूरी है।

लंबे समय के लिए फ्लोटिंग रेट ज्यादा फायदेमंद हो सकता है : फ्लोटिंग रेट वाले ऋण लंबे समय के लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकते हैं। इस विकल्प में ब्याज दरें बाजार की स्थितियों के अनुरूप बदलती रहती हैं, जो अक्सर दीर्घकालिक उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद होती हैं। जब बाजार में ब्याज दरें कम होती हैं, तो फ्लोटिंग रेट वाले ऋण की मासिक किस्तें (EMI) भी घट जाती हैं, जिससे उधारकर्ता को बचत होती है।

इसके अलावा, फ्लोटिंग रेट के तहत प्रीपेमेंट पेनल्टी भी फिक्स्ड रेट की तुलना में कम होती है, जिससे ऋण को जल्दी चुकाने का विकल्प आसान बनता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का जोखिम भी जुड़ा रहता है। इसलिए, लंबे समय तक कम ब्याज दर की संभावना वाले बाजार में फ्लोटिंग रेट का विकल्प लेना एक रणनीतिक निर्णय हो सकता है।

उधार लेने से पहले, वित्तीय स्थिरता और जोखिम सहने की क्षमता का आकलन करना आवश्यक है। फ्लोटिंग रेट, दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अधिक लचीला और किफायती विकल्प हो सकता है।

Home Loan Tenure सोच समझ कर चुने लंबी अवधि के ऋण में ईएमआई कम होती है, लेकिन कुल ब्याज अधिक चुकाना पड़ता है : लंबी अवधि के ऋण में मासिक किस्तें (EMI) छोटी होती हैं, जिससे उधारकर्ता पर तत्काल वित्तीय दबाव कम होता है। हालांकि, ऋण अवधि अधिक होने के कारण ब्याज की गणना लंबे समय तक चलती है, जिससे कुल ब्याज राशि बढ़ जाती है। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है, जिन्हें कम मासिक भुगतान की आवश्यकता हो, लेकिन कुल चुकौती की अधिक लागत को ध्यान में रखना चाहिए।

छोटी अवधि में ब्याज की बचत होती है, लेकिन ईएमआई अधिक होती है :  छोटी अवधि के ऋण में ब्याज दर पर कम समय तक भुगतान करने की आवश्यकता होती है, जिससे कुल ब्याज में बचत होती है। हालांकि, कम अवधि के कारण मासिक किस्तें (EMI) अधिक होती हैं, जिससे उधारकर्ता पर तत्काल वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो अपनी आय के आधार पर उच्च मासिक भुगतान वहन कर सकते हैं और जल्दी ऋण समाप्त करना चाहते हैं।

Home Loan से जुड़े खर्चों को समझें

होम लोन लेते समय केवल ईएमआई ही नहीं, अन्य खर्चों का भी ध्यान रखें। जैसे की निम्न प्रकार के खर्चे जो की होम लोन के साथ होते है

प्रोसेसिंग फीस: बैंक होम लोन प्रोसेसिंग के लिए शुल्क ले सकते हैं। बैंक होम लोन के आवेदन को संसाधित करने के लिए प्रोसेसिंग फीस लेते हैं, जो आमतौर पर ऋण राशि का एक निश्चित प्रतिशत होता है। यह शुल्क लोन की मंजूरी और दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया को कवर करता है। प्रोसेसिंग फीस अलग-अलग बैंकों और ऋण योजनाओं में भिन्न हो सकती है। यह शुल्क रिफंडेबल नहीं होता, इसलिए लोन लेते समय इसकी तुलना और समझदारी से चयन करना जरूरी है।

फ्रैंकिंग और स्टाम्प ड्यूटी: यह प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक है। फ्रैंकिंग और स्टाम्प ड्यूटी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का अहम हिस्सा हैं। स्टाम्प ड्यूटी प्रॉपर्टी के मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत होता है, जो सरकार को कानूनी दस्तावेजों की मान्यता के लिए दिया जाता है। फ्रैंकिंग शुल्क स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान को प्रमाणित करने के लिए लिया जाता है। ये शुल्क प्रॉपर्टी की लोकेशन और कीमत के आधार पर भिन्न होते हैं और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को वैध बनाने के लिए अनिवार्य होते हैं।

प्रॉपर्टी बीमा: बैंकों द्वारा अनिवार्य किया जा सकता है। प्रॉपर्टी बीमा का उद्देश्य ऋण द्वारा वित्त पोषित संपत्ति को अप्रत्याशित जोखिमों, जैसे प्राकृतिक आपदाओं या दुर्घटनाओं से बचाना है। कई बैंक होम लोन के साथ प्रॉपर्टी बीमा को अनिवार्य करते हैं ताकि संपत्ति को सुरक्षित रखा जा सके और बैंक का निवेश सुरक्षित हो। यह बीमा प्रीमियम आमतौर पर उधारकर्ता द्वारा चुकाया जाता है और इसे ऋण राशि में जोड़ा जा सकता है। प्रॉपर्टी बीमा न केवल सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि उधारकर्ता की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है।

फोरक्लोज़र चार्जेस: यदि आप लोन जल्दी चुकाते हैं तो यह शुल्क लागू हो सकता है। फोरक्लोज़र चार्जेस वे शुल्क हैं, जो बैंक या वित्तीय संस्थान ऋण समय से पहले चुकाने पर वसूलते हैं। यह शुल्क बैंक की संभावित ब्याज आय की भरपाई के लिए लगाया जाता है। फोरक्लोज़र चार्जेस की दरें अलग-अलग बैंकों और ऋण योजनाओं में भिन्न हो सकती हैं। हालांकि, कुछ बैंकों ने होम लोन पर फोरक्लोज़र चार्जेस हटाने की सुविधा भी दी है। ऋण लेते समय इन शुल्कों की शर्तों को समझना जरूरी है।

सावधानीपूर्वक प्रॉपर्टी का चयन करें

डेवलपर और प्रॉपर्टी का सत्यापन करें : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसका कानूनी सत्यापन करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि प्रॉपर्टी का स्वामित्व विवादमुक्त है और सभी दस्तावेज वैध हैं। सत्यापन में बिक्री विलेख, स्वामित्व श्रृंखला, भूमि रिकॉर्ड, और प्रॉपर्टी पर किसी बकाया ऋण या विवाद की जांच शामिल होती है। वकील या कानूनी विशेषज्ञ की मदद लेना इस प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाता है। यह कदम भविष्य के कानूनी जोखिमों से बचाव करता है।

बिल्डर की विश्वसनीयता और प्रोजेक्ट का रेरा रजिस्ट्रेशन चेक करें।

लोकेशन का ध्यान रखें : जब भी प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाएं, तो उसकी लोकेशन, कनेक्टिविटी, और भविष्य की वैल्यूएशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सही लोकेशन न केवल आपकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करती है, बल्कि यह आपके निवेश की वैल्यू भी बढ़ाती है। कनेक्टिविटी जैसे सड़क, मेट्रो या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पास होना आपको और आपके परिवार के लिए एक बेहतर लाइफस्टाइल सुनिश्चित करता है। साथ ही, भविष्य में उस क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की संभावना को भी जांचना चाहिए, क्योंकि यह आपकी प्रॉपर्टी की कीमत को बढ़ा सकता है।

प्रॉपर्टी का Resale Value भी सुनिश्चित करें :  यह महत्वपूर्ण है कि जिस संपत्ति में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी पुनर्विक्रय कीमत भविष्य में आपके लिए लाभकारी हो। एक सही लोकेशन और अच्छी कनेक्टिविटी प्रॉपर्टी के resale value को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, क्षेत्र में होने वाले विकास और आसपास की सुविधाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।

होम लोन लेते समय की जाने वाली आम गलतियां 

पूरा रिसर्च न करना : बिना ब्याज दर, अवधि और शर्तों को समझे लोन लेना एक बड़ी गलती हो सकती है। यदि आप ब्याज दर, लोन की अवधि, और अन्य शर्तों को समझे बिना लोन लेते हैं, तो यह भविष्य में वित्तीय दबाव का कारण बन सकता है। हर बैंक और वित्तीय संस्थान अलग-अलग शर्तें और योजनाएँ प्रदान करते हैं, इसलिए उनकी तुलना करना आवश्यक है। सही रिसर्च न करने से आप बेहतर डील पाने का मौका खो सकते हैं। साथ ही, छिपे हुए चार्ज और अन्य शुल्कों की जानकारी लेना भी जरूरी है।

ईएमआई का गलत अनुमान लगाना : होम लोन की ईएमआई का गलत अनुमान लगाना एक सामान्य लेकिन गंभीर गलती हो सकती है। अगर आप अपनी मासिक आय और खर्चों को ध्यान में रखे बिना ईएमआई तय करते हैं, तो यह आपके बजट पर भारी पड़ सकता है। सही ईएमआई का अनुमान लगाने के लिए लोन की राशि, ब्याज दर और अवधि को ठीक से समझना जरूरी है। गलत अनुमान के कारण आप अपनी वित्तीय स्थिरता खो सकते हैं और समय पर ईएमआई चुकाने में परेशानी का सामना कर सकते हैं। अपनी मासिक आय के 40% से अधिक ईएमआई लेने से बचना चाहिए।

एडिशनल चार्जेस को न समझना : कई लोग लोन लेते समय Home loan hidden charges की जानकारी नहीं रखते। होम लोन के लिए अतिरिक्त चार्जेस को न समझना आपकी वित्तीय योजना में गड़बड़ी कर सकता है। प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, प्री-पेमेंट पेनल्टी और अन्य छिपे हुए शुल्क को ध्यान में रखना जरूरी है। इन चार्जेस की जानकारी न होने से आप लोन की वास्तविक लागत को सही से नहीं समझ पाएंगे, जिससे आपको बजट प्लानिंग में दिक्कत हो सकती है।

Home Loan के लिए सही बैंक का चयन कैसे करे

ऑफर्स और छूटों पर ध्यान दें : कई बैंक और वित्तीय संस्थान त्योहारों या विशेष अवसरों पर आकर्षक छूट और ऑफर्स प्रदान करते हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इनमें कम ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस में छूट, या अन्य लाभ शामिल हो सकते हैं। इन ऑफर्स का सही समय पर लाभ उठाने से आप अपने लोन की कुल लागत को कम कर सकते हैं और बेहतर डील प्राप्त कर सकते हैं।

प्री-अप्रूव्ड लोन विकल्प चुनें : होम लोन के प्री-अप्रूव्ड लोन विकल्प चुनना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। प्री-अप्रूव्ड लोन उन ग्राहकों के लिए होते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है और जिनकी आय स्थिर है। इस प्रकार के लोन में लोन अप्रूवल की प्रक्रिया तेज होती है और कई बार कम ब्याज दर भी मिलती है। यह विकल्प आपको समय बचाने और त्वरित फाइनेंशियल निर्णय लेने में मदद करता है।

ग्राहक सेवा और प्रतिष्ठा : होम लोन लेते समय बैंक की ग्राहक सेवा और प्रतिष्ठा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बैंक की ग्राहक सेवा और उनके पुराने ग्राहकों की फीडबैक की जांच करें।  एक भरोसेमंद बैंक न केवल आपके लिए आसान और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, बल्कि आपकी जरूरतों को बेहतर तरीके से समझता भी है। ग्राहक सेवा की गुणवत्ता यह तय करती है कि आपके सवालों का समाधान कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से होता है। प्रतिष्ठा वाला बैंक आपको लोन की अवधि के दौरान किसी भी समस्या में उचित सहायता प्रदान कर सकता है।

Home Loan का सही Management कैसे करें

 समय पर Home Loan EMI भुगतान करें : समय पर Home Loan EMI न भरने से आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। अपने खाते में हमेशा पर्याप्त राशी रखे हो सके तो एक या दो EMI जितना फण्ड एडवांस में रखे | इसी के साथ लेट पेमेंट पेनल्टी से बचने के लिए ऑटो-डेबिट सेट करें। जल्दी लोन के भुगतान के लिए साल के अंत में 1-2 Home Loan EMI एडवांस पे करे या कुछ अमाउंट का पार्ट पेमेंट करे |

Home Loan Transferऔर Refinancing  : यदि आपको दूसरी बैंक से कम ब्याज दर मिलती है, तो लोन ट्रांसफर पर विचार करें। हालाकि लोन तब ही ट्रान्सफर करे जब ब्याज दर में 1% से ज्यादा का अंतर हो | दुसरे बैंक में ट्रान्सफर के कुछ खर्चे भी आपको वहन करने पद सकते है |

 इमरजेंसी फंड बनाएं : ईएमआई भरने के लिए कम से कम 6 महीने का इमरजेंसी फंड रखें। आपात स्थिति जैसे की जॉब के चले जाने बीमार हो जाने की स्थति से बचने के लिए अपने पास कम से कम 6 महीने की EMI भरने जितना फण्ड रखे |

निष्कर्ष

होम लोन लेने से पहले उचित योजना और सावधानी बरतने से आप वित्तीय जोखिम को कम कर सकते हैं। सही बैंक का चयन, लोन की शर्तों को समझना और ईएमआई की समय पर चुकौती, यह सभी कदम आपको होम लोन की प्रक्रिया में मदद करेंगे। निवेश के इस बड़े फैसले में जल्दबाजी न करें और अपनी जरूरतों और वित्तीय स्थिति के अनुसार निर्णय लें।

 

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