वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (Varun Beverages – VBL), जो पेप्सिको का सबसे बड़ा फ्रैंचाइज़ी पार्टनर है, ने 2025 (Varun Beverages Earnings 2025 ) की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में अपने वित्तीय नतीजों में शानदार प्रदर्शन दिखाया है। कंपनी ने इस तिमाही में न केवल अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, बल्कि मुनाफे और बिक्री की मात्रा में भी प्रभावशाली बढ़ोतरी हासिल की। आइए, इसके नतीजों को करीब से देखते हैं और समझते हैं कि क्यों वरुण बेवरेजेज निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
Varun Beverages Earnings 2025 मे वित्तीय नतीजों का अवलोकन
Varun Beverages ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में 35.2% की साल-दर-साल (YoY) वृद्धि के साथ 726.4 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। पिछले साल की समान तिमाही में यह मुनाफा 537.2 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही, कंपनी की परिचालन आय (रेवेन्यू) में 29% की बढ़ोतरी देखी गई, जो 4,317.4 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,567 करोड़ रुपये हो गई।
कंपनी का EBITDA (Earnings Before Interest, Tax, Depreciation, and Amortisation) भी 27.8% बढ़कर 1,264 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 989 करोड़ रुपये था। हालांकि, मार्जिन में मामूली कमी आई और यह 22.9% से घटकर 22.7% हो गया। इसकी वजह दक्षिण अफ्रीका में स्वयं के ब्रांड्स की कम मार्जिन और भारत में कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स (CSD) की अधिक हिस्सेदारी रही।
Varun Beverages की बिक्री और वॉल्यूम में वृद्धि
Varun Beverages ने इस तिमाही में अपनी बिक्री मात्रा (वॉल्यूम) में 30.1% की वृद्धि दर्ज की, जो 240.2 मिलियन केस से बढ़कर 312.4 मिलियन केस हो गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण भारत में 15.5% की ऑर्गेनिक वॉल्यूम ग्रोथ और दक्षिण अफ्रीका व डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) से प्राप्त इन-ऑर्गेनिक वॉल्यूम रहा। भारत में प्रति केस नेट रियलाइजेशन में 1.8% की वृद्धि हुई, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों (दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर) में यह स्थिर रहा।
दक्षिण अफ्रीका में पिछले चार तिमाहियों में 141 मिलियन केस की बिक्री हुई, जो पिछले साल की तुलना में 13% की वृद्धि दर्शाती है। हालांकि, वहां स्वयं के ब्रांड्स की कम रियलाइजेशन के कारण समेकित स्तर पर प्रति केस रियलाइजेशन में 0.9% की कमी देखी गई।
डिविडेंड की घोषणा
कंपनी के बोर्ड ने 2025 के वित्तीय वर्ष के लिए 0.50 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है। इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 9 मई, 2025 तय की गई है, और भुगतान 9 मई से शुरू होगा। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और शेयरधारकों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रणनीतिक विस्तार और भविष्य की योजनाएं
Varun Beverages ने अपने कारोबार को और मजबूत करने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। कंपनी ने हाल ही में मोरक्को में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, Varun Beverages मोरक्को SA, के माध्यम से पेप्सिको के स्नैक ब्रांड “चीटोस” के उत्पादन और पैकेजिंग के लिए एक विशेष समझौता किया है। यह उत्पादन मई 2025 से शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा, कंपनी जिम्बाब्वे और जाम्बिया में “सिम्बा मंचीज़” के उत्पादन और वितरण के लिए भी समझौते कर चुकी है।
Varun Beverages ने भारत में तीन नए ग्रीनफील्ड प्लांट्स की स्थापना शुरू की है, जो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में होंगे। इनके लिए क्रमशः 1,000 करोड़, 1,100 करोड़ और 700 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया गया है। ये प्लांट बढ़ती मांग को पूरा करने और कंपनी के दीर्घकालिक विकास को समर्थन देने में मदद करेंगे।
भारत में विकास की संभावनाएं
Varun Beverages के चेयरमैन रवि जयपुरिया ने कहा, “भारत के पेय बाजार में अभी भी विकास की अपार संभावनाएं हैं। बढ़ती प्रति व्यक्ति आय, तेजी से शहरीकरण, विस्तारित विद्युतीकरण और बेहतर कोल्ड-चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर इस विकास को समर्थन दे रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी की विविध उत्पाद पोर्टफोलियो और मजबूत वितरण नेटवर्क इसे इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी तरह से तैयार करता है।
कंपनी ने अपने उत्पादों में चीनी की मात्रा को कम करने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। वर्तमान में, इसकी कुल बिक्री मात्रा का लगभग 46% कम चीनी या बिना चीनी वाले उत्पादों से आता है, जो उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
शेयर बाजार में प्रदर्शन
हालांकि Varun Beverages ने मजबूत वित्तीय नतीजे पेश किए, लेकिन इसके शेयर की कीमत में तिमाही नतीजों के बाद मामूली गिरावट देखी गई। 2 मई, 2025 को शेयर की कीमत लगभग 1% गिरकर 516.50 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। वर्तमान में, शेयर 523.70 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है, और कंपनी का मार्केट कैप 1.77 लाख करोड़ रुपये है।
ब्रोकरेज फर्मों ने कंपनी के प्रदर्शन पर सकारात्मक रुख बनाए रखा है। Axis Securities ने 650 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ “बाय” रेटिंग दी है, जबकि MOFSL ने 665 रुपये का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है। उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय विस्तार, भारत में स्थिर विकास और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रेफ्रिजरेशन की बढ़ती पहुंच से कंपनी की आय में और वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
Varun Beverages ने 2025 की पहली तिमाही में अपने मजबूत प्रदर्शन से निवेशकों और विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी की रणनीतिक पहल, जैसे अंतरराष्ट्रीय विस्तार और नए उत्पादों की शुरुआत, इसे बाजार में और मजबूत स्थिति में लाने की उम्मीद है। भारत में पेय बाजार की बढ़ती मांग और कंपनी की दीर्घकालिक योजनाएं इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती हैं। हालांकि, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता और जोखिमों पर भी नजर रखनी चाहिए।
नोट: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश से पहले पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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