गिग वर्कर्स के लिए बड़ी खबर
केंद्र सरकार ने भारत में अस्थायी रूप से कार्यरत गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ी घोषणा की है। अब इन्हें भी पेंशन और आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलने जा रहा है। यह कदम देशभर में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। इस योजना से लाखों गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
निति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक भारत में गिग वर्कर्स की संख्या अनुमानित 2.30 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी जिसमे 80 प्रतिशत से ज्यादा गिग वर्कर्स की आयु 30-50 वर्ष रहने का अनुमान है | इसी अनुमान के अनुसार केंद्र सर्कार गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक रूप से सुरक्षा और संबल प्रदान करने के लिए यह प्रस्ताव लेकर आयी है |
GIG Workers India में आम तौर पर पारंपरिक कर्मचारियों के समान Labour Law के अंतर्गत नहीं आते हैं, लेकिन Social Security Act, 2020 ने उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत शामिल किया है।
10 लाख गिग वर्कर्स को प्रथम चरण लाभ मिलेगा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस योजना का पहला चरण जून 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसमें लगभग 10 लाख GIG Workers को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवरेज दिया जाएगा। यह कवरेज उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण किया है और आधार आधारित सत्यापन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
ई-श्रम पोर्टल से जुड़ेगी योजना
GIG Workers को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने के लिए सरकार ई-श्रम कार्ड को आधार बनाएगी। जिन गिग वर्कर्स ने ई-श्रम पोर्टल पर सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन किया है, उन्हें गिग वर्कर के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा और उनके नाम से आयुष्मान कार्ड जारी किया जाएगा।
पेंशन योजना का खाका तैयार
स्वास्थ्य कवरेज के अलावा सरकार गिग वर्कर्स के लिए पेंशन योजना भी शुरू करने जा रही है। यह प्रस्ताव जून अंत तक केंद्रीय कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस योजना को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा तैयार किया जा रहा है और इसमें ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित कंपनियों की भागीदारी भी शामिल है।
कंपनियों की भूमिका अहम
सरकार और निजी कंपनियों के बीच इस योजना के लिए सहमति बन चुकी है। कंपनियों को हर महीने अपने गिग कर्मचारियों की पेंशन में योगदान देना होगा। इसमें ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियों को गिग वर्कर्स का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
CSR फंड से होगा अंशदान
पेंशन योजना के लिए अंशदान को लेकर फिलहाल दो विकल्पों पर विचार हो रहा है:
– कंपनियों का कुल मुनाफा
– कंपनियों का कुल टर्नओवर
हालांकि सरकार मुनाफे के आधार पर अंशदान तय करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इसमें पारदर्शिता की समस्या हो सकती है। इसके बजाय प्रस्ताव है कि कंपनियां सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2020 के तहत अपने CSR फंड का 1.5% से 2% हिस्सा गिग वर्कर्स की पेंशन योजना में दें।
आयुष्मान योजना के फायदे
गिग वर्कर्स को आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- पांच लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा
- पंजीकृत सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फ्री चिकित्सा
- परिवार के अन्य सदस्यों को भी योजना में शामिल करने की सुविधा
- बीमारी की स्थिति में वित्तीय संकट से सुरक्षा
पेंशन योजना की प्रमुख बातें
- हर गिग वर्कर के लिए मासिक पेंशन अंशदान की व्यवस्था
- कंपनियों द्वारा CSR फंड से योगदान
- कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित मासिक पेंशन
- पेंशन योजनाओं का संचालन पीएफ संगठन या सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी करेगी
FAQs
प्रश्न 1: आयुष्मान भारत योजना का लाभ किन गिग वर्कर्स को मिलेगा?
उत्तर: वे GIG Workers जो ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं और आधार सत्यापन पूरा कर चुके हैं, उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा।
प्रश्न 2: इस योजना में स्वास्थ्य बीमा की कितनी राशि कवर की जाएगी?
उत्तर: पात्र GIG Workers को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये की सीमा तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा मिलेगा।
प्रश्न 3: पेंशन योजना कब तक लागू होगी?
उत्तर: पेंशन योजना का प्रस्ताव जून 2025 के अंत तक केंद्रीय कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जाएगा।
प्रश्न 4: कंपनियों का योगदान किस आधार पर तय होगा?
उत्तर: प्रस्तावित मॉडल के अनुसार, कंपनियां अपने CSR फंड से 1.5% से 2% तक का योगदान देंगी। यह योगदान कंपनियों के टर्नओवर पर आधारित हो सकता है।
प्रश्न 5: गिग वर्कर्स को पेंशन योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
उत्तर: GIG Workers की मासिक आय से और कंपनियों के योगदान से एक संयुक्त फंड बनाया जाएगा, जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें मासिक पेंशन दी जाएगी।
निष्कर्ष
GIG Workers के लिए आयुष्मान योजना और पेंशन योजना जैसी सरकारी पहलें सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को स्वास्थ्य और भविष्य की आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्राप्त होगा। सरकार और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से यह पहल एक स्थायी और प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा ढांचा बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।